सभी देवताओं में प्रथम आराध्य भगवान गणेश को प्रसन्न करने का ये सबसे अच्छा वक्त होता है। देशभर में 10 दिन का गणेशोत्सव आयोजित होता है। जगह-जगह गणेश पांडाल की रौनक देखते ही बनती है। इन दस दिनों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनके मनपसंद भोग लगाए जाते है। मान्यता है कि गणेश जी रिद्धि-सिद्धि और सुख एवं शांति प्रदान करते हैं। हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह त्यौहार मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि, गणेश जी का प्राकट्य भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्नकाल में हुआ था। इसीलिए ये चतुर्थी मुख्य गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी कहलाती है। ये चतुर्थी कलंक चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्ध है।
[the_ad id=”2536″]
गणेश जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम पिले रंग की मूर्ति या लाल रंग की मूर्ति होती है। हल्दी से बने गणेश जी की मूर्ति कुछ विशेष मनोकामना के लिए प्रयोग की जाती है। नीले रंग के गणेश जी की मूर्ति तंत्र में प्रयोग होती है सामान्य रूप से नही। सफेद रंग के गणेश जी की पूजा से कर्जों से मुक्ति मिलती है।
[the_ad id=”2536″]
पूजा से जुड़ी प्रमुख सावधानी
- गणेश जी की स्थापना दक्षिण पश्चिम दिशा में नही करनी चाहिए।
- गणेश जी की पूजा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी है कि गणेश जी को तुलसी नही चढ़ानी चाहिए।
- अपने पूजा स्थान पर 2 गणेश जिनकी मूर्ति नही रखनी चाहिए।
[the_ad id=”2468″]