हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह चातुर्मास का अंतिम महीना है। इस बार 1 नवंबर से 30 नवंबर 2020 तक रहेगा । इसी माह से देव तत्व मजबूत होने लगता है अर्थात भगवान विष्णु चार महीनों से निद्रा में थे अब कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं। इसलिए इसके बाद शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधि प्रयोग किए जाते हैं। इस महीने में तुलसी का रोपण और तुलसी विवाह सर्वोत्तम होता है।
कार्तिक मास भगवान श्रीहरि और मां लक्ष्मी को अतिप्रिय है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है। माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करके माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इस कार्तिक माह में तुलसी विवाह महोत्सव, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, गोपाष्टमी एवं देव दीपावली आदि प्रमुख पर्व मनाये जाते है।
कार्तिक माह में माता तुलसी की विधिवत पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। तुलसी विवाह से घर में सुख-समृद्धि आती है और मनोकामना पूर्ण होती है।
तुलसी पूजन से पहले तुलसी जी की पूजा के मुख्य नियमों को भी जान लेना चाहिए।
• इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी पत्र को बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए।
• सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद तुलसी जी को नही तोड़ना नहीं चाहिए।
• पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी, मंगलवार, एकादशी एवं रविवार आदि दिनों में तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए।
• सुतककाल मे तुलसी जी को ग्रहण नही करना चाहिए क्योंकि तुलसी श्री हरि के स्वरूप वाली ही हैं।
• तुलसी जी को दांतों से चबाकर नहीं खाना चाहिए।
• तुलसी जी ग्रहण करते समय किसी भी तामसिक आहार का सेवन न करें।